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________________ ( ३१८ ) ११. ग्यारहवां मास छत्तीस दिन का होता है। जिसमें ग्यारह ग्यारह उपवासों के बाद पारणे होते हैं । तेतीस दिन उपवासों के और तीन दिन पारणा के होते हैं। १२. बारहवां मास छब्बीस दिन का होता है। इसमें बारह उपवास के बाद पारणा होता है। चौबीस दिन उपवासों के और दो दिन पारणा के होते हैं। १३. तेरहवां मास अठाईस दिन का होता है। इसमें तेरह तेरह दिन के बाद दो पारणे होते हैं । छब्बीस दिन उपवासों में और दो दिन पारणों में निकलते हैं । १४. चौदहयां मास तीस दिन का होता है । इसमें चौदह चौदह उपवासों के दो पारणे होते हैं। अट्ठाईस दिन उपवासों के और दो दिन पारणों के होते हैं। १५. पन्द्रहवां मास बत्तीस दिन का होता है । इसमें पन्द्रह पन्द्रह उपवासों के दो पारणे होते हैं । तीस दिन उपवासों के और दो पारणों के होते हैं। १६. सोलहवां मास चौंतीस दिन का होता है । इसमें सोलह सोलह उपवासों के दो पारणे होते हैं । बत्तीस दिन उपवासों के और दो पारणों के होते हैं । __उपर्युक्त सोलह महीनों में १, २, ४, ५, ६, १४ । चौदहवां ये छः महीने पूरे तीस दिन के होते हैं, तब ६, ७, ८, १२, १३, तेरहवां ये पांच मास तीस से कम दिनों के होते हैं और ३,१०, ११, १५, १६, सोलहवां ये पांच महीने अधिक दिनों वाले होते Jain Education International For Private & Personal Use Only ___www.jainelibrary.org
SR No.003119
Book TitleManav Bhojya Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherK V Shastra Sangrah Samiti Jalor
Publication Year1961
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Food
File Size19 MB
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