SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 368
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४--चौथा मास तीस दिन का होता है। इसमें चार चार उपवासों के अन्त में पारणा होता है । चौबीस दिन उपवासों में छः दिन पारणों में पूर्ण होते हैं। ५-पांचवां मास भी तीस दिन का होता है। इसमें पांच पांच उपवासों के अन्त में पारणा होता है । पच्चीस दिन उपवासों में और पांच दिन पारणों में व्यतीत होते हैं। ६-छट्ठा मास अठाईस दिन का होता है। इसमें छः छः उपवासों के बाद पारणा किया जाता है। चौबीस दिन उपवासों के और चार दिन पारणों के होते हैं। ७-सातवां मास चौबीस दिन का होता है । इसमें सात सात उपवासों के बाद पारणा किया जाता है । इक्कीस दिन उपवासों के और तीन दिन पारणों के होते हैं । ८-आठवां मास सत्ताईस दिन का होता है। इसमें आठ आठ उपवासों के अन्त में पारणे होते हैं । चौबीस दिन उपवासों में और तीन दिन पारणों में जाते हैं। -नवमां मास तीस दिन का होता है। इसमें नव नव उपवास और पारणे होते हैं । सत्ताईस दिन तप के और तीन दिन पारणों के होते हैं। १०-दस मास तैतीस दिन का होता है। इसमें दश दश उपवासों का पारणा होता है । तीस दिन उपवासों के और तीन दिन पारणों में होते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003119
Book TitleManav Bhojya Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherK V Shastra Sangrah Samiti Jalor
Publication Year1961
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Food
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy