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( ३१२ ) निकट पूर्व दिशा के अन्तिम भाग में और महातप वाले पूर्वा के पञ्चम सप्तमांश में खड़ा रह करपांच-पांच दिन तक उक्त प्रकार ध्यान करेंगे। लघुतप वाले की एक पंक्ति पन्द्रह दिन में पूरी होगी, परन्तु महातप वाले की प्रथम पंक्ति के अभी दो स्थान शेष रहते हैं। महातप वाला पांच उपवासों का पारणा कर पूर्वा के षष्ठ सप्तमांश में, और छः उपवासों का पारणा कर पूर्वा के अन्तिम सप्तमांश में खड़ा होकर क्रमशः छः तथा सात दिन तक उक्त प्रकार का ध्यान करेगा।
इस प्रकार लघुवाले प्रथम पंक्ति में पन्द्रह दिन और महावाले अट्ठाईस दिन तक तप और ध्यान करेंगे। ___ लघु सर्वतोभद्र वाला और महा सर्वतो भद्र वाला अब उक्त प्रकार से ही पूर्व दिशा के वायें छोर से दाहिने छोर तक नीचे की पंक्ति में लिखे अङ्क परिमित दिनों तक तप और ध्यान करेगा।
लघु सर्वतोभद्र की पन्द्रह पन्द्रह की संख्या वाली पांच पंक्तियां होने के कारण लघु सर्वतो भद्र तपस्वी पूर्व दिशा में कुल पचहत्तर दिन खड़ा रह कर तप ध्यान करेगा, और पचीस पारणें करेगा, परन्तु महा सर्वतो भद्र की पंक्तियां अट्ठाईस २ संख्या वाली होने से महा भद्र तप का तपस्वी पूर्व दिशा में खडा रह कर एक सौ छयानवें दिन तक तप तथा ध्यान करेगा, और उन पञ्चास पारणें करेगा।
. इसी प्रकार दोनों प्रकार के सर्वतो भद्र तप आराधक दक्षिण
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