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हेसियत से उन्होंने यह जाहिर किया था कि फ्रेंच सिपाही मांस पर निर्वाह करते हैं । इस कारण उनको एपेन्डी साइटीस का दर्द विशेष रूप से होता है और अरब लोग अन्न, फल, शाक पर रहते हैं वे इस रोग से मुक्त हैं।
डा० मेकफोर्ड, जिन्होंने नाताल में ३० वर्ष पर्यन्त वैद्यकीय व्यवसाय किया था, वे लिखते हैं कि वहां के लोग मांस भक्षी न होने से एपेन्डीसाइटीस का दर्द उनको शायद नहीं हो सकता
टाइफाइड नामक विषैला बुखार पोल कार्टन आदि कई अनुभवी डाक्टरों के मतानुसार मांस की खुराक से विशेष रूप से फैलता है क्योंकि मांस की खुराक ऐसे विषैले जन्तुओं के लिये बहुत ही अनुकूल है।
डा० एच. एस. ब्रुअर लिखते हैं कि मांस खाने वालों की नसें एवं धोरी नसें भर जाती है और पतली पड़ जाती हैं अत एवं उनको बुखार कम ज्यादा प्रमाण में निरन्तर सताता रहता
__ मि. जे० एच० ओलीवर लिखते हैं कि मांस खाने वालों के हृदय, अन्न, फल, शाक खाने वालों के हृदय से दशगुना अधिक जोर से धड़कता है।
सर विलियम ब्रोड वेन्ट लिखते हैं कि नाड़ी की चाल के खास कारणों में मांस की खुराक अग्रतम भाग लेतो है।
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