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________________ ३७३ परिशिष्ट ३ अभिनंदन पत्रिका'-इन चार ग्रंथों में आई वार्ताओं का संकेत दिया है । 'नवनिर्माण की पुकार' एवं 'जनपद विहार' में वार्ताएं बहुत संक्षिप्त दी गयी हैं, पर इतिहास की सुरक्षा हेतु हमने संक्षिप्त वार्ताओं का भी संकेत दे दिया है। आचार्यश्री तुलसी षष्टिपूर्ति अभिनंदन पत्रिका' के तीसरे खंड में वार्ताएं हैं अतः हमने पृष्ठ संख्या तीसरे खंड की दी है । कहीं-कहीं वार्ताओं की पुनरुक्ति भी हुई है, पर उनके निर्देश का कारण भी हमारे सामने स्पष्ट था । क्योंकि 'नवनिर्माण की पुकार' में जो बौद्ध भिक्षु नारद थेरो के साथ वार्ता है, वह अत्यन्त संक्षिप्त है लेकिन वही 'षष्टिपूर्ति अभिनंदन पत्रिका' में काफी विस्तृत है। इसके अतिरिक्त दोनों स्थलों का निर्देश होने से शोधार्थी को जो पुस्तक आसानी से उपलब्ध होगी, वह उसी से अपने कार्य को आगे बढ़ा सकेगा। यद्यपि संक्षिप्त वार्ताएं तो अन्य पत्रिकाओं, यात्रा-ग्रन्थों जीवनवृत्तों एवं पुस्तकों में भी प्रकाशित हैं, पर उनका समाकलन संभव नहीं हो सका। पाठक इस सूची को देखते हुए भी उस विशाल सूची को नजरंदाज नहीं करेंगे, जिनकी किन्हीं कारणों से सुरक्षा नहीं हो सकी है अथवा हम अपनी असमर्थता से उन्हें यहां प्रस्तुत नहीं कर सके हैं। एक बात स्पष्ट कर देना और आवश्यक है कि इस खंड में हमने मुक्त-चर्चाओं एवं सामान्य वार्ताओं का समावेश नहीं किया है क्योंकि उनकी संख्या परिमाण में बहुत अधिक थी। इस परिशिष्ट में जैन, षष्टि, नव तथा जनपद-ये चारों सांकेतिक पद हैं। ये क्रमशः 'जैन भारती', 'आचार्यश्री तुलसी षष्टिपूर्ति अभिनंदन पत्रिका', 'नवनिर्माण की पुकार' तथा 'जनपद विहार' के वाचक हैं। हमने इन वार्ताओं को व्यक्तियों के आधार पर कुछ शीर्षकों में बांट दिया है, जिससे पाठकों को सुविधा हो सके । 'मंत्रिमंडल के सदस्यों से' शीर्षक में केन्द्रीय एवं राज्यस्तरीय मंत्रियों के साथ हुई वार्ताओं का उल्लेख है। इस परिशिष्ट में हम चार बातों का संकेत दे रहे हैं । वार्ता की दिनांक, स्थान, व्यक्ति एवं वह संदर्भ ग्रंथ, जिसमें वार्ता उपलब्ध है। कहीं-कहीं स्थान एवं समय का उल्लेख नहीं मिला, उसे हमने खाली छोड़ दिया है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
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