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गद्य साहित्य : पर्यालोचन और मूल्यांकन
होकर लिखा है अत: उनका साहित्य निर्मलता एवं प्रेरणा का स्रोत बहाता है । उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा की है साथ ही प्रगतिशील विचारों का समावेश भी किया है ।
साहित्यिक विधाएं
साहित्यकार के मन में जो भाव या संवेग उत्पन्न होते हैं, उनकी afroofक्त नाना विधाओं में होती है । जैसे भीतर के हर्ष को विविध अवसरों पर कभी गाकर, कभी गुनगुनाकर तथा कभी अश्रुमोचन द्वारा प्रकट किया जाता है वैसे ही भावों और मनःस्थितियों को व्यक्त करने के लिये साहित्य की विविध विधाओं का आविष्कार तथा प्रयोग किया जाता है ।
हिन्दी साहित्य में मुख्यतः निम्न विधाएं प्रसिद्ध हैं - ( १ ) निबन्ध (२) रेखाचित्र ( ३ ) संस्मरण (४) रिपोर्ताज (५) डायरी (६) साक्षात्कार (भेंट वार्ता ) (७) गद्यकाव्य ( ८ ) जीवनी ( ९ ) आत्मकथा (१०) यात्रा-वृत्त (११) एकांकी ( १२ ) कहानी (१३) उपन्यास (१४) पत्र आदि ।
आचार्य तुलसी का साहित्य मुख्यत: निबंध, संस्मरण, डायरी, साक्षात्कार, गद्यकाव्य, जीवनी, कहानी, पत्र, आत्मकथा आदि विधाओं में मिलता है फिर भी उनके साहित्य में प्रवचन की गंगा, निबन्धों की यमुना और काव्य की सरस्वती - यह त्रिवेणी ही अधिक प्रवाहित हुई है । आचार्य तुलसी ने अपनी प्रत्येक साहित्यिक विधा में सत्य और शिव के साथ सौन्दर्य को समाहित करने का प्रयत्न किया है । उनका साहित्य श्रोता एवं पाठक को कुछ सोचने एवं करने को बाध्य करता है क्योंकि उनकी अभिव्यक्ति तीखी, धारदार एवं प्रभावी है । उनकी साहित्यक विधाओं में मानव के अन्तर्मन में होने वाली हलचल को अभिव्यक्ति मिली है, समाज की विद्रूपता को उद्घाटित करने का सार्थक प्रयास हुआ है, परिस्थिति एवं घटना को कथ्य का माध्यम बनाया गया है तथा प्राचीन के साथ युगीन मूल्यों की प्रस्तुति हुई है । यही कारण है कि उनका विशाल साहित्य त्रैकालिक होते हुये भी उपयोगी और सामयिक बन पड़ा है । यह साहित्य सामयिक समस्याओं को छिन्न-भिन्न करने, उनको तरासने तथा व्यक्ति-व्यक्ति में अनाकुल रहकर उनको सहन करने की क्षमता पैदा करता है । उनके द्वारा प्रयुक्त कुछ साहित्यिक विधाओं का परिचय नीचे दिया जा रहा है
निबंध
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हिंदी गद्य साहित्य में निबंध का अपना एक विशिष्ट स्थान है । आधुनिक निबंध के जन्मदाता पाश्चात्य विद्वान् मौनतेन का मंतव्य है कि निबंध विचारों, उद्धरणों एवं कथाओं का मिश्रण है । बाबू गुलाबराय के शब्दों में " निबंध वह गद्यात्मक अभिव्यक्ति है जिसमें एक सीमित आकार के भीतर
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