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________________ आ• तुलसी साहित्य : एक पर्यवेक्षण प्रवचन क्यों? प्रवाह में न बहें प्रवृत्ति और निवृत्ति के कारण प्रांतीयता की समस्या प्रेक्षाध्यान प्रेतात्मा : भदृश्य शक्ति बंधन और मोक्ष बंधन के हेतु बंधन-मुक्ति का हेतु बंधन-मुक्ति के लिए बहिनों से बाल दीक्षा बाहरी आकर्षण हिंसा है बुराइयों की भिक्षा बाह्य और आंतरिक शुद्धि बोधिस्थल : जन-जन का बोधिस्थल हो ब्रह्मचर्य ब्रह्मचर्य और खाद्य संयम ब्रह्मचर्य और संयम का हेतु क्या है ? ब्रह्मचर्य का महत्त्व क्यों ? ब्रह्मचर्य : मोह-विलय की साधना ब्रह्मचर्य : साधना का एक सहकारी तत्त्व भगवान महावीर और निर्वाण दिवस भगवान महावीर के जीवन की विशेषतायें भगवान् महावीर जिन थे, जैन नहीं भगवान् महावीर ने कहा भगवान् महावीर स्वयं संबुद्ध थे भय की विभीषिका भव्य जीवमात्र मोक्ष पाने का अधिकारी भारत अभय और अहिंसा पर टिका रहे १. १६-८-६७ अहमदाबाद । २. १४-८-६७ अहमदाबाद । ८ अक्टू० ७२ १९ जन०६९ १७ जून ७३ ३ सित० ६७ ६ जून ८२ ४ मई ६९ ९ मार्च ५८ ८ जून ६९ १ जून ६९ १५ जुलाई ७३ सित०, अक्टू ४९ २२ सित० ५७ १० नव० ६३ २२ जून ६९ १ दिस० ६८ २ जुलाई ७२ १४ दिस० ५८ ३० जुलाई ७२ १२ मार्च ५३ ६ फर० ७२ २ जन० ७२ १३ नव० ५५ वि० १५ नव ० ५१ वि० २७ नव० ५२ २१ अप्रैल ७३ २ मई ६५ २२ सित० ६३ २५ अग० ५७ १४ जून ७० १५ अग० ६५ ३. १३-४-६५ महावीर जयन्ती, अजमेर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
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