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________________ समाज ० ० x ११७ २२२ स्थिति के बाद गति दोनों महिला निर्माण : परिवार निर्माण दोनों महिला का निर्माण : पूरे परिवार का निर्माण बीती ताहि महिला विकास : समाज विकास दोनों संस्कारी महिला समाज का निर्माण सोचो ! १ स्वस्थ समाज-निर्माण में नारी की भूमिका भोर बदलाव भी : ठहराव भी दोनों संघर्ष की नई दिशा दोनों अतीत का विसर्जन : अनागत का स्वागत अतीत १४० मूल्यांकन का आईना दोनों अपने पांवों पर खड़ा होना दोनों महिलाओं के कर्तव्य आगे संदर्भ योगक्षेम वर्ष का : भूमिका नारी की। जीवन महिलाएं स्वयं जागे बीती ताहि ११५ महिलाएं स्वयं जागृत हों वि. वीथी १६५ महिला शक्ति जागृत हो मंजिल २ बहिनें अपनी शक्ति को पहचानें मंजिल २ २१९ प्रगति की ओर बढ़ते चरण मंजिल २ २२४ जागृति का मंत्र वि. वीथी १६१ महिला जागृति सोचो ! १ नारी जागरण प्रवचन ११ नारी जागरण २२० नारी जागरण शान्ति के ११५ सुधार का माध्यम : हृदय परिवर्तन बीती ताहि ११९ १. २६-१०-७७ अखिल भारतीय ७. १५-१०-७८ गंगाशहर । तेरापंथ महिला मंडल का पांचवां ८.४-१०-७७ जैन विश्व भारती। वाषिक अधिवेशन, जैन विश्व भारती ९. २८-१-५४ देवगढ़ । २. २१-७-५४ बम्बई। १०. ६-११-५५ उज्जैन । ३. ९-३-५५ नारायणगांव । ११. ४-४-५३ 'महिला-जागृति परिषद्' ४. योगक्षेम वर्ष, नारी अधिवेशन। बीकानेर की ओर से आयोजित ५. १४-१०-७८ गंगाशहर । महिला सम्मेलन । ६. १३-१०-७८ गंगाशहर । १६५ १३५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
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