SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 479
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शिक्षा और संस्कृति १६८ १८९ नवनिर्माण शांति के प्रवचन ११ प्रवचन ९ संभल संभल २१४ घर २५३ प्रवचन ११ १३४ विद्यार्थी भावना का महत्त्व' सफलता का मार्ग और छात्र जीवन' निर्माण का समय साधना का जीवन शिक्षक और शिक्षार्थी आत्मोन्मुखी बनें तीन बहुमूल्य बातें शिक्षार्थी की अर्हता अंतर्मुखी बनने का उपक्रम महत्त्वपूर्ण वय कौन-सी ?' धर्म की प्रयोगशाला विद्यार्थियों से शिक्षा और शिक्षार्थी जीवन का प्रवाह राष्ट्र की वास्तविक नींव छात्राओं का चरित्रनिर्माण विद्यार्थी और नैतिकता१४ बहुश्रुत कौन ? विद्यार्थी के कर्तव्य भारतीय विद्या का आदर्श राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य का आधार प्रवचन ५ प्रवचन ९ सूरज जन जन २५ ५१ प्रश्न सूरज सूरज सूरज भोर मुखड़ा संभल संभल घर ११७ १५२ १. १६-१-५७ बिड़ला मांटेसरी अध्यात्म योग शिविर का उद्घाटन, पब्लिक स्कूल, पिलाणी। लाडनूं। २. ४-९-५३ जसवंत कालेज, ९. १८-८-५३ जोधपुर । जोधपुर। १०. ३०-३-५५ राहता। ३. १-१-५४ ब्यावर । ११. २३-३-५५ राहता । ४. २६-८-५३ जोधपुर । १२.७-१२-५५ बड़नगर । ५. ४-३-५६ गुलाबपुरा । १३. १-३-५५ पूना । ६. ५-१२-५६ माडर्न हायर सैकेण्डरी १४. २९-८-५४ बम्बई । __ स्कूल, दिल्ली। १५. २०-१-५६ जावद । ७. १७-३-५३ वरकाणा। १६. सरदारशहर ८. २५-१२-७७ नैतिक शिक्षा और Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy