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________________ व्यक्ति एवं विचार १५३ ४८ ९२ भारतीय आचारशास्त्र को महावीर की देन अनैतिकता भगवान् महावीर के सपनों का समाज बीती ताहि वर्तमान समाज-व्यवस्था के मूल्य और महावीर - के सिद्धांत राज/वि. वीथो ३१/१४ भगवान् महावीर का जीवन-संदेश संभल लोकतंत्र को बुनियाद : महावीर का दर्शन राज/वि. वीथी समन्वय को खोजें प्रज्ञापर्व २८ भोग से त्याग की ओर प्रवचन ५ जन्मदिन : एक समूची सृष्टि का राज/वि. दीर्घा जन्मदिन कैसे मनाएं ? सफर/अमृत ११८/८४ कैसे मनाएं महावीर को ? २ आगे १५५ 'महावीर को कैसे मनाएं ?3 प्रवचन १० २०१ आस्था की रोशनी : अविश्वास का कुहासा बैसाखियां निर्वाण महोत्सव और हमारा दायित्व । राज/वि. वीथी ४२/३० पच्चीससौवां निर्वाण महोत्सव कैसे मनाएं ? राज/वि. वीथी ४५/२४ निर्वाण शताब्दी के संदर्भ में राज/वि. दीर्घा ५०/२०८ आचार्य भिक्ष : जीवन-दर्शन कितना विलक्षण व्यक्तित्व ! ज्योति से १३९ धर्म की अवधारणा और आचार्य भिक्षु जब जागे २०२ आचार्य भिक्षु : समय की कसौटी पर मेरा धर्म १२३ संकल्प का बल : साधना का तेज १९४ शास्त्रों में गुंथा चरित्र जीवन में कुहासे क्रांति के लिए बदलाव कुहासे १९९ आदर्श जीवन-पद्धति के प्रदाता वि. वीथी २२४ आचार्य भिक्षु और महर्षि टालस्टाय जब जागे आचार्य भिक्षु और महात्मा गांधी जब जागे आचार्य भिक्षु का जीवन-दर्शन' प्रवचन १० आचार्य भिक्षु का जीवन दर्शन . वि. दीर्घा आचार्य भिक्षु के तत्त्व चिंतन की मौलिकता वि. दीर्घा १. ६-१२-७७ महावीर दीक्षा कल्याण ३.८-४-७९ दिल्ली । दिवस, लाडनूं । ४. १-९-७४ दिल्ली। २. ३-४-६६ महावीर जयंती, ५. १४-९-७८, १७६ वां भिक्षु गंगानगर। चरमोत्सव, गंगाशहर। कुहासे २१६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
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