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________________ व्यक्ति एवं विचार शीर्षक पुस्तक पृष्ठ ११७ १२० १२३ १२६ १२९ १३२ १४० ७५ २१/७ तीर्थंकर ऋषभ एवं पार्श्व तीर्थंकर ऋषभ प्रवचन ९ उपयुक्त समय यही है मुखड़ा राजतंत्र का उदय मुखड़ा समाज-व्यवस्था का परिवर्तन क्यों? मुखड़ा धर्मचक्र का प्रवर्तन मुखड़ा एक मार्ग : दो समाधान मुखड़ा विजय और पराजय के बाद की विजय मुखड़ा श्रमण परम्परा और भगवान पार्श्व भगवान् महावीर : जीवन-दर्शन निर्वाणवादी भगवान् महावीर दीया अंगारों पर खिलते फूल मुखड़ा सत्य के प्रयोक्ता : भगवान् महावीर वि. वीथी/राज अनुभूत सत्य के प्रयोक्ता : भगवान् महावीर बीती ताहि सामाजिक क्रांति के सूत्रधार : भगवान् महावीर बीती ताहि वैज्ञानिक धर्म के प्रवक्ता : भगवान् महावीर मेरा धर्म मंडनात्मक नीति के प्रवक्ता : भगवान महावीर मुखड़ा भूख और नींद के विजेता : भगवान् महावीर मुखड़ा महान वैज्ञानिक : भगवान महावीर बीती ताहि चेतना के केन्द्र में विस्फोट वि. वीथी/राज महावीर कर्म से या जन्म से ? २ मंजिल २ महावीर सम्प्रदायातीत थे मंजिल २ महावीर स्वयं आकर देखें बीती ताहि आज फिर एक महावीर की जरूरत है वि दीर्घा/राज १. १६-५-५३ बीकानेर।। ३. २४-४-७८ लाडनूं। २. २१-४-७८ महावीर जयंती, लाडनं । ४४ ६० XG १/१० १२१ १३५ १२/३८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003117
Book TitleAcharya Tulsi Sahitya Ek Paryavekshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages708
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size23 MB
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