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आगम
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उद्बो समता दीया मुक्ति इसी मुक्ति इसी खोए
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७७
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१
जागो !
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मृत्यु का आगमन मनुष्य की दृष्टि में होते हैं गुण और दोष मानव स्वभाव की विविधता आर्य कौन ? ज्ञाते तत्त्वे कः संसारः मिलन की सार्थकता : एक प्रश्नचिह्न अवर्णवाद करना अपराध है। आर्य कौन ?' पाप से बचने का उपाय साधना में अवरोध जीव दुर्लभबोधि क्यों होता है ?" विनय के प्रकार उन्माद को छोड़ें आगमों में आर्य-अनार्य की चर्चा किसके लिए होती है बोधि की दुर्लभता ? कैसे बनता है जीव सुलभबोधि ? वीरता की कसौटी कौन किसका ?१२ आगम साहित्य के दो प्रेरक प्रसंग13
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जागो! मंजिल २ जागो! जागो! जागो ! मंजिल १ प्रवचन ५ अतीत दीया जब जागे नवनिर्माण प्रवचन ९ मंजिल २ प्रवचन ९ प्रवचन ९ प्रवचन ९ मंजिल १
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मन४
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थावच्चा पुत्र" मोहजीत राजा तीन लोक से मथुरा न्यारी"
१६८ १६७
१.१-५-७६ छापर। २. ३-५-७६ छापर। ३.४-९-८० । ४. १६-१०-६५ दिल्ली । ५. ३-५-७६ छापर। ६. २६-९-६५ दिल्ली। ७. १४-१०-६५ दिल्ली। ८.१५-१०-६५ दिल्ली। ९. २४-२-७७ छापर ।
१०. ७-१२-७७ लाडनूं । ११. १८-१२-५६ दिल्ली। १२. जितशत्रु राजा की कथा । १३. २२-४-७८ लाडनूं । १४. २२-२-५३ लूणकरणसर, भावदेव
नागला कथानक । १५. २०-३-५३ बीकानेर। १६. ९-५-७७ चाडवास ।
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