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गद्य साहित्य : पर्यालोचन और मूल्यांकन
संहार का प्रतिकार करने वाली महाशक्ति बाहरी साधनों में नहीं, मानव के अन्तर् में ही निहित है । उसको उसी में से जगाना होगा। इस दिव्य ध्वनि ने संसार को अपनी ओर आकृष्ट किया और संसार को कुछ सोचने के लिए मजबूर किया।
. अणुबम की विभीषिका से त्रस्त मानव को अणवत के संजीवन से पुनरुज्जीवित करने का सत्प्रयास आचार्य तुलसी ने किया है। दिल्ली के दो मास के अल्पप्रवास में उन्होंने अज्ञान की निद्रा में सोते मानव को झकझोर कर खड़ा कर दिया। इस छोटे से प्रवास में आचार्यश्री के सैकड़ों प्रवचन हुए पर इस पुस्तक में केवल सात क्रांतिकारी एवं महत्त्वपूर्ण प्रवचनों को संकलित किया गया है। इन सात प्रवचनों में प्रथम एवं अन्तिम प्रवचन स्वागत एवं विदाई का है । इस पुस्तक के संपादक सत्यदेव विद्यालंकार कहते हैं-"राजधानी के पहले भाषण की प्रभात बेला में यदि आचार्य तुलसी ने अपने काम की रूपरेखा उपस्थित की थी तो अन्तिम विदाई के भाषण की पुण्यबेला में अपने कर्तव्य का प्रतिपादन किया। आदि और अन्त तथा मध्य में दिए गए समस्त भाषणों का समन्वय किसी एक शब्द में किया जा सकता है तो वह है 'अहिंसा।'
____ आज से ४४ साल पूर्व प्रदत्त इन प्रवचनों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सभी समस्याओं का हल है। आचार्य तुलसी के प्रवचनों का यह प्रथम लघु प्रवचन संकलन है । पुस्तक की भाषा प्रवचन की शैली में न होकर साहित्यिक शैली में गुम्फित है। ये सातों प्रवचन आचार्य तुलसी के अमर संदेश कहे जा सकते हैं। इनको जब कभी पढ़ा जाएगा, दिग्भ्रमित मानव समाज एक नई प्रेरणा प्राप्त करेगा।
राजपथ की खोज समय-समय पर लिखे गए ५४ लेखों एवं ७ वार्ताओं से युक्त यह पुस्तक वैचारिक दृष्टि से अत्यन्त समृद्ध और ज्ञानवर्धक है । प्रस्तुत पुस्तक चार खण्डों में विभाजित है। इसके प्रथम खण्ड 'महावीर : जीवन सौरभ' में भगवान महावीर के जीवन एवं उनके शाश्वत विचारों से सम्बन्धित १३ लेख संकलित हैं। ये लेख महावीर के सिद्धांत को नवीन परिप्रेक्ष्य में अभिव्यक्ति देते हैं। दूसरे 'शाश्वत स्वर' खण्ड में १४ लेखों के अन्तर्गत अहिंसा, अनेकांत तथा गांधीजी के जीवन-दर्शन के बारे में अमूल्य विचारों को संकलित किया गया है। 'जीवन-मूल्य' नामक तृतीय खण्ड लोकतन्त्रचुनाव, अध्यात्म और धर्म आदि के विषय में नई सोच उपस्थित करता है। अंतिम खंड 'प्रश्न और समाधान' में दर्शन और सिद्धांत सम्बन्धी अनेक प्रश्नों का सटीक समाधान दिया गया है।
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