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स्वामी! कौन - सा सुरीला तुमने गीत गाया ? स्वामी! कौन-सा अनबोला मंत्र याद आया ? | अद्भुत जीवन, अद्भुत गाथा स्वामी! कौन-सा सुरलोक तुमको याद आया ? । ।
1. आकर्षक व्यक्तित्व तुम्हारा, याद हमें है अब भी सारा । तुम भूल गये, यह कैसी माया ? स्वामी! कौन - सा ..
2. लाखों आंखें हैं उपवासी,
अब प्यास बुझाओ, अवसर आया, स्वामी! 3. जनम-जनम के हम हैं साथी, चिर परिचित है महावीर ने गौतम को बतलाया, स्वामी !
कान बने हैं ये संन्यासी ।
कौन -सा.......
4. तुम हम, हम तुम, सोचा हमने, चिर परिचय को सुरतरु दो फिर शीतल छाया, स्वामी! 5. अणुव्रत में आलोक निहारा, मानवता का रूप निखारा। नैतिक चेतना का अंकुर उग आया, स्वामी! कौन -सा....... 6. अमृत महोत्सव यहां मनाएं, अचरज प्रभु को पास न पाएं। दिव्य प्रेम का उच्छ्वास कैसे गहराया ? स्वामी! कौन सा ...... 7. साथ बैठते चिन्तन चलता, चिन्तन से नवनीत निकलता।
मन उपवन रहता सरसाया, स्वामी ! कौन - सा .....
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जीवन बाती ।
कौन - सा ......
8. अनगिन हैं अवदान तुम्हारे, जन-जन के तुम प्राण पियारे । उपकार न कोई गिन पाया, स्वामी! कौन - सा .....
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9. 'महाप्रज्ञ' की हर गतिविधि में, तुलसी हो, तुलसी सन्निधि में । तेरापंथ यशस्वी बन पाया, स्वामी ! कौन-सा ...... लय: स्वामी भीखण जी रो नाम ....... संदर्भ : आचार्य तुलसी महाप्रयाण दिवस लाडनूं, आषाढ़ कृष्णा 3, वि.सं. 2055
तोड़ा तुमने ।
कौन - सा .....
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चैत्य पुरुष जग जाए
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