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संस्करण : २००५
ज्योति जले : मुक्ति मिले का संस्करण : २००५ नए परिवेश में पाठकों के हाथों में पहुंच रहा है। आवश्यक परिष्कार के साथ-साथ एक नया परिशिष्ट भी इस संस्करण में और जोड़ा गया है। पुस्तक का यह परिष्कृत एवं परिवर्धित संस्करण पाठकों की रुचि को परिष्कृत करनेवाला एवं पूर्व संस्करण से भी अधिक उपयोगी सिद्ध होगा, ऐसी आशा है।
संपादक
-तेरह
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