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________________ १६४ जीवन विज्ञान : सिद्धान्त और प्रयोग होती है वहां कलह, संघर्ष और लड़ाइयां पैदा होती हैं। सारी उलझनें इसी की उत्पत्ति हैं। ___व्यक्ति के भाव ही अच्छाई और बुराई के लिए, सुख-दु:ख के लिए जिम्मेवार हैं। यदि प्रारंभ से ही भावों को सही दिशा मिल जाए तो शायद सुख का सागर हिलोरें लेने लग जाए। विधायक भाव की जब प्रबलता होती है तब जीवन में आनन्द ही आनन्द होता है, सुख ही सुख होता है। घटनाओं के साथ हमारे सुख-दुःख का संबंध नहीं है। भ्रान्ति के कारण हम मानते हैं कि प्रिय घटना से सुख होता है और अप्रिय घटना से दुःख होता है। भारतीय दर्शनों ने इस भ्रान्ति को तोड़ने का प्रयत्न किया है। सुख-दुःख हमारी आन्तरिक अवस्था है। सुख-दु:ख को पदार्थ के साथ जोड़ना बहुत बड़ी भ्रान्ति है। जिम्मेवार कौन ? अध्यात्म की खोज ने हमें बहुत बड़ा संबल दिया था किन्तु आज वह शैक्षणिक जगत् का उपक्रम नहीं रहा, इसलिए दृष्टिकोण भौतिकवादी बन गया है और यही सारी समस्याओं का मूल है। प्रश्न है- यह दृष्टिकोण क्यों बना ? किसने बनाया ? बनाने का दायित्व किस पर है ? दायित्व है धर्म और शिक्षा जगत् पर । तीसरे पर यह दायित्व नहीं आता। दृष्टिकोण का निर्माण या तो धर्म के आधार पर होता है या शिक्षा के आधार पर होता है। भौतिकवादी दृष्टिकोण इसलिए बना कि आदमी ने सत्य की उपेक्षा की। यदि सत्य को समझने और समझाने का प्रयत्न किया होता तो दृष्टिकोण की समस्या को सुलझाने में बड़ा सहयोग मिलता। आज जो समस्या नहीं सुलझ रही है उसका कारण है-मिथ्या-दृष्टिकोण। विधायक भाव की निष्पत्ति धर्म से मिलता है आन्तरिक आनन्द और हमने मान लिया कि धर्म से पदार्थ मिलते हैं, सुख-सुविधाएं मिलती है। यह दृष्टिकोण की विपरीतता है। हमें मानना चाहिए कि धर्म की एक सीमा है और पदार्थ की भी एक सीमा है। पदार्थ से सुविधा मिलती है और धर्म से आनन्द मिलता है, आन्तरिक शांति मिलती है, मन शांत होता है। यदि यह दृष्टिकोण स्पष्ट हो तो धर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी, पदार्थ की मूर्छा घटेगी और भौतिकता की दौड़ कम होगी। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003108
Book TitleJivan Vigyana Siddhanta aur Prayoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2008
Total Pages236
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Education
File Size9 MB
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