SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 317
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४. आदाननिक्षेपसमिति-वस्त्र-पात्र आदि संयमपूर्वक लेना और रखना। ५. उत्सर्गसमिति-मल-मूत्र आदि का विवेकपूर्वक उत्सर्ग करना। तीन गुप्तियां तीन गुप्तियां निम्नलिखित हैं१. मनगुप्ति-सावद्य प्रवृत्तियों से मन का निवर्तन और मनोनिग्रह करना। २. वचनगुप्ति-सावद्य प्रवृत्तियों से वचन का निवर्तन तथा वचन निग्रह करना। ३. कायगुप्ति-सावद्य प्रवृत्तियों से काया का निवर्तन तथा काय निग्रह करना। महाव्रतों को एक तंबू से उपमित किया गया है। इसे तानने के लिए समितियां और गुप्तियां रस्सियों का काम करती हैं। जो साधक समितिगुप्तियों की साधना में जागरूक नहीं रहता, वह महाव्रतों की अखंड आराधना नहीं कर सकता। इसलिए महाव्रतों के साथ इनकी साधना पर बल दिया गया है। इन तेरह नियमों के लिए एक शब्द का प्रयोग किया जाए तो वह है-आचार। आचारसंपन्न साधक ही साधु नाम को सार्थक करता है। संघीय मर्यादाएं तेरापंथ के प्रणेता आचार्य भिक्षु इस युग के प्रभावक आचार्य थे। उन्होंने धर्म के क्षेत्र में महान क्रांति की। उनकी वह क्रांति ही तेरापंथ के रूप में प्रसिद्ध हुई। उन्होंने आचार की शुद्ध पालना और धर्मसंघ की सुव्यवस्था के लिए अनेक प्रकार की मर्यादाओं का निर्माण किया। उन मर्यादाओं का पालन करना भी महाव्रतों और समिति-गुप्तियों की तरह साधु-साध्वियों के लिए आवश्यक है। तेरापंथ धर्मसंघ के आचारसंपन्न, अनुशासनसंपन्न और सुव्यवस्थासंपन्न होने में उन मर्यादाओं की अहम भूमिका है। यों तो आचार्य भिक्षु ने आवश्यकतानुसार उन मर्यादाओं में परिवर्तन का संपूर्ण अधिकार उत्तरवर्ती आचार्यों को दिया है, पर वे मर्यादाएं धर्मसंघ के अस्तित्व एवं उसके विकास के लिए इतनी महत्त्वपूर्ण हैं कि आज तक भी मौलिक मर्यादाओं में परिवर्तन की कोई अपेक्षा महसूस नहीं हुई, बल्कि ज्यों-ज्यों समय गुजर रहा है, उनकी मूल्यवत्ता .३०० - आगे की सुधि लेइ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003107
Book TitleAage ki Sudhi Lei
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Sermon
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy