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________________ चाहिए। आत्मज्ञान की परिधि बहुत विस्तृत है। इतनी विस्तृत कि उसकी उपलब्धि के पश्चात कुछ जानना शेष ही नहीं रहता । आत्मज्ञानी का पहला चिह्न प्रश्न हो सकता है कि आत्मज्ञानी की पहचान क्या है। मैं हूं । मुझमें अनुभूति है। मैं सुख चाहता हूं। इंद्रियों और मन के द्वारा मुझे अनुभव होता है । मेरी वृत्तियों में उतार-चढ़ाव होता रहता है। बहुत बार वृत्तियां उत्तेजित होती हैं और कितनी ही बार शांत भी रहती हैं। "ये सब बातें आत्मज्ञान को प्रकट करती हैं, पर आत्मज्ञानी होने का पहला चिह्न यह है कि व्यक्ति सदा आत्मस्वभाव में रमण करता है, विभाव में नहीं जाता। एक आत्मज्ञानी से कोई कलह करता है, पर वह उससे अधीर नहीं होता । कज्जल की काली कोठरी में जाकर भी वह एक काली रेखा तक नहीं लगाता। आप कहेंगे कि यह कैसे संभव है। इसका रहस्य यह है कि बाह्य पदार्थ तब तक नुकसान नहीं करते, जब तक उन्हें स्वीकार न किया जाए; और स्वीकार करने के बाद वे बाह्य नहीं रहते । अतः मानना होगा कि व्यक्ति स्वयं अपनी शांति में बाधक बनता है । उपादान और निमित्त हालांकि यह तथ्य अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि बाह्य वातावरण का भी अपना महत्त्व है। उससे सहयोग मिल सकता है, पर बाह्य वातावरण ही सब कुछ है, यह नहीं मानना चाहिए। हम देखते हैं, स्वस्थ वातावरण में रहकर भी बहुत-से व्यक्ति अपना सुधार नहीं कर पाते। अतः यह एक तथ्य है कि वातावरण निमित्त कारण बन सकता है, उपादान नहीं । उपादान शुद्ध होगा तो निमित्त भी काम में आ जाएगा, पर मूल कारण उपादान है। वही कार्य रूप में परिणत होता है । बीज वृक्ष का उपादान कारण है। घड़े का उपादान कारण है मिट्टी | परमात्मा का उपादान है आत्मा । बीज सही नहीं है तो वृक्ष नहीं होगा । कोई व्यक्ति मूसल रोपकर पानी सींचे तो क्या वह फल सकता है ? उर्वर भूमि, पानी, धूप-ये सब वृक्ष के निमित्त कारण हैं। इसी प्रकार आत्मज्ञान ही परमात्मा बनने में उपादान कारण है। यदि आत्मा का बोध यथार्थ नहीं है तो कोई भी फरिश्ता आकर किसी को परमात्मा नहीं बना सकता। सत्संग का महत्त्व Jain Education International For Private & Personal Use Only १७५ • www.jainelibrary.org
SR No.003107
Book TitleAage ki Sudhi Lei
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Sermon
File Size13 MB
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