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जिन दिनों मैं प्रेक्षाध्यान के शिविर का संचालन करता था, उन दिनों में अनेक नए नए प्रयोग कराए थे। प्रेक्षाध्यान : सिद्धांत और प्रयोग पुस्तक में वे प्रयोग उल्लिखित नहीं हैं। उन प्रयोगों में से चुने हुए कुछ प्रयोग भी प्रस्तुत पुस्तक में दिए गए हैं। नया भी बहुत कुछ है।
इस पुस्तक के लेखन कार्य में साध्वी विभुत विभा ने बहुत श्रम किया है। प्रतिलिपि समणी मुदितप्रज्ञा ने की है। मुनि धनंजयकुमार ने इसका नियोजन किया है।
--आचार्य महाप्रज्ञ २१ जनवरी, २००१ জানলে
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