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गुण संक्रमण जो व्यक्ति जिस गुण का विकास करना चाहे उस गुण से सम्पन्न व्यक्ति का मानसिक चित्र बनाए। उस पर एकाग्र होकर ध्यानलीन हो जाए। इस प्रक्रिया से इष्ट सिद्धि होती है। जिस गुण का विकास करना चाहता है, उस गुण का ध्यान करने वाले में संक्रमण शुरू हो जाता है। भगवान महावीर का ध्यान सहिष्णुता के गुण का विकास करने में बहुत उपयोगी है।
१५ दिसम्बर
२०००
(भीतर की भोर)
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