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इन्द्रिय-विजय- (2)
इन्द्रिय-संयम के लिए प्राणायाम का प्रयोग बहुत महत्त्वपूर्ण है ।
प्रयोग की विधि
इन्द्रिय-विजय
सुखासन, कायोत्सर्ग की मुद्रा । दोनों नथुनों से श्वास का पूरक, मुंह से रेचक । रेचन वेग के साथ किया जाए। वह भी एक साथ तीन या चार बार में किया जाए ।
इस प्रक्रिया में विजातीय तत्त्व का सम्यक् रेचक होता है। कामवासना उद्दीपन करने वाली प्रणाली प्रभावित होती है। उत्तेजना कम हो जाती है ।
२० नवम्बर
२०००
भीतर की ओर
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