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सुप्त मन को जागृत कवना-(२)
'सो' का विशुद्धिकेन्द्र पर, 'ह' का दर्शनकेन्द्र पर, 'म्' का ज्ञानकेन्द्र पर ध्यान करते हुए मिसमय (प्रातः, मध्याह और सायं) जप करें।
प्रारम्भ में पांच मिनिट का प्रयोग करें। प्रतिसप्ताह दो-दो मिनिट बढ़ाते-बढ़ाते पन्द्रह मिनिट तक इसका गहरा अभ्यास करें। इस प्रयोग से सुषुप्त मन और अन्तर्मन दोनों जागृत होते हैं।
२८ अक्टूबर
२०००
(भीतर की ओर
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