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अमन की साधना-(३) हमारे शरीर में प्राण और चेतना के अनेक केन्द्र हैं। प्राण और चेतना पूरे शरीर में व्याप्त हैं। जहां उनकी सघनता होती है वहां उनका केन्द्र बन जाता है। पैर का अंगूठा भी एक केन्द्र है। अमन की साधना के लिए उस पर ध्यान करना बहुत महत्त्वपूर्ण है। विधि
एकान्त में शिथिलीकरणपूर्वक लेटकर एकाग्र चित्त से अपने दाएं पैर के अंगूठे पर दृष्टि स्थिर कर ध्यान करो। यह अमन की साधना का सहज उपाय है।
२६ अक्टूबर
२०००
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