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अमन की साधना-(१) कायोत्सर्ग की मुद्रा। तैजस केन्द्र की अनिमेष प्रेक्षा। मन को उसी केन्द्र पर स्थापित कर दो। अनिमेष दृष्टि और मन दोनों का योग होने पर श्वास की संख्या धीरे-धीरे कम हो जाएगी। मन अमन अवस्था में चला जाएगा।
तैजस केन्द्र नाभि का प्रदेश है। वहां प्राण और अपान का संगम होता है इसलिए विकल्प शमन सहज ही हो जाता है।
२४ अक्टूबर
२०००
-(भीतर की ओर
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