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संवेग संतुलन की प्रक्रिया संवेग को संतुलित करने के लिए अग्र मस्तिष्क पर ध्यान करना आवश्यक है। ज्योतिकेन्द्र, शान्ति केन्द्र और पूरा ललाट-ये तीन महत्त्वपूर्ण स्थल हैं। इन पर ध्यान केन्द्रित कर संवेगों को संतुलित किया जा सकता है। जिस स्थान में संवेग उत्पन्न होते हैं, भावना और संकल्प के द्वारा उनका परिष्कार किया जा सकता है।
१७ अक्टूबर
२०००
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भीतर की ओर
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