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समाधि के नियम बास्य जगत से संबंध इन्द्रियों द्वारा होता है। उनमें त्वचा, नेन और कान—ये प्रमुख हैं। त्वचा संवेदनशील न हों, नेन बंद हों, कान बंद हो तो तत्काल समाधि दशा प्राप्त हो सकती है। यही सर्वेन्द्रिय संयम मुद्रा है।
इन्द्रियों का बाय जगत से संबंध विच्छेद कर ध्यानावस्था में बैठना। नाटक करना। हिप्नोटिज्म
और मेस्मेरिज्म जानने वाला अपनी शक्ति से दूसरों को समाधिस्थ कर सकता है। चित्त शुद्धि का यह सर्वोत्तम मार्ग है। देखने-सुनने की वृत्तियों को शिक्षित करो। इच्छाशक्ति को शिक्षित करो। एकाग्रता प्राप्त करो। प्रिय वस्तु पर मन टिकाभो। बाहर मत जाने दो।
१७ सितम्बर
२०००
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_भीतर की ओर ___
भीतरी
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