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इन्द्रिय-विजय - [१]
ध्यान करने वाले साधक को इन्द्रिय-संयम की साधना अवश्य करनी चाहिए।
इन्द्रियां ज्ञानात्मक हैं। उनका काम है जानना और संवेदन करना। इनके साथ राग और द्वेष की धारा जुड़ी हुई है, इसलिए प्रियता और अप्रियता का भान होता रहे। अभ्यास के द्वारा प्रियता और अप्रियता के संवेदन से दूर रहना सम्भव है। यही है इन्द्रिय-संयम अथवा इन्द्रिय-विजय ।
१३ अगस्त २०००
भीतर की ओर
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