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मानसिक शक्ति का विकास मन की शक्ति कल्पना से अधिक है। उसके विकास के सूत्र हाथ में न आए तो शक्ति का उपयोग नहीं हो सकता। निश्चित लक्ष्य बनाएं। लक्ष्य की ओर गति करने के लिए अपेक्षित एकाग्रता यदि हो तो शक्ति का अकल्पित प्रस्फोट हो सकता है।
विकास के लिए एक सून बनाओ। उस पर विचार करो। कुछ समय बाद विचार से निर्विचार की अवस्था में चले जाओगे। ज्ञात या अज्ञात रूप में शक्ति का जागरण शुरू हो जाएगा।
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MAIMEHRIMARRIAMRAHI
१३ जुलाई २०००
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