________________
- -
16000
उच्चारण का मूल्य-(a) मंत्र-जप करने वाले साधक के लिए उच्चारण पर ध्यान देना आवश्यक है। उच्चारण के साथ ध्वनि के प्रकम्पन पैदा होते हैं। यदि उच्चारण सही नहीं है तो वे प्रकम्पन अपना कार्य नहीं कर सकते।
साधारणतः उच्चारण का नियम भाषा के साथ जुड़ा हुआ है। इस नियम की व्याख्या वैयाकरणों ने विस्तारपूर्वक की है। उसके लिए उच्चारण के स्थानों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है।
१७ जून २०००
(भीतर की ओर
-
१८५
Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org