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संतोष
प्रतिपक्ष भावना-(१) प्रतिपक्ष भावना के द्वारा पुराने संस्कारो को समाप्त और नए संस्कारों का निर्माण किया जा सकता है
क्रोध प्रतिपक्ष क्षमा मान प्रतिपक्ष
मृदुता माया प्रतिपक्ष मजुता लोभ प्रतिपक्ष
प्रतिपक्ष भावना के द्वारा संस्कार निर्माण की पद्धति इस प्रकार है
१. प्रतिपक्षी भाव पर दीर्घकालिक एकाग्रता।
२. कायोत्सर्ग की मुद्रा में स्वतः सुज्ञाव। सुझाव दूसरे व्यक्ति के द्वारा भी लिया जा सकता है।
३. प्रतिपक्ष भावना के बार-बार भीतर तक पहुंचने से नए संस्कार के निर्माण में सफलता मिलती है।
१६ मई २०००
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-(भीतर की ओर
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