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तठल
लेश्या ध्यान - [१]
मनुष्य का शरीर, हमारा मन और हमारी वाणी - ये सब पौगलिक हैं। रंग पुद्गल का एक गुण है। अनुकूल पुद्गल का योग मनुष्य की पौदगलिक शक्ति को बढ़ाता है । प्रतिकूल पुद्गल का योग उसकी शक्ति को घटाता है ।
रंग विज्ञान में रंगों के अनेक गुण बतलाए गए हैं। अलग-अलग रंग और उनकी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं हैं। इष्ट चिन्तन के द्वारा इष्ट रंग की पूर्ति होती है, अनिष्ट चिन्तन के द्वारा अनिष्ट रंग की पूर्ति होती है। इसलिए अनिष्ट चिन्तन का वर्जन स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त आवश्यक है ।
३० अप्रैल २०००
भीतर की ओर
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