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________________ फ - इन्द्रिय-विजय-(२) २४३ आयुर्वेद और स्वास्थ्य-(१) २४४ आयुर्वेद और स्वास्थ्य-(२) २४५ मानसिक स्वास्थ्य-(१) २४६। मानसिक स्वास्थ्य-(२) २४७ मानसिक स्वास्थ्य-(३) २४८ स्वास्थ्य और आहार-(१) २४६ . स्वास्थ्य और आहार-(२) २५० क्या है अकेलापन ? २५१ मनुष्य अकेला कैसे ? २५२ ।। सरल नहीं है अकेला रहना २५३ अकेला रहने की कला २५४ भाग्य और पवित्रता २५५ कैसे होता है भाग्य का परिवर्तन ? जागृत अवस्था २५७ प्रमाद और अप्रमाद इच्छाशक्ति २५६ सापेक्ष समाधान २६० पहला पृष्ठ २६१ तुम क्या चाहते हो? २६२ पीडा और संवेदना अवसाद का उपचार २६४ द्वार बंद न हो २६५ अतीन्द्रिय चेतना २६६ मौलिक समस्याएं ऋतुचक्र परिष्कार भीतर का अदृश्य दृश्य बनता है साधना के आलम्बन शुद्धि और निरोध आकर्षण : ध्येय के प्रति ज्ञान और ध्यान शक्ति कहा है? शक्ति के नियम समाधि के नियम समाधि की यात्रा उपाधि की चिकित्सा अक्रिया का मूल्य केवल सुनो विश्वास है या नहीं? संचालक कौन ? अनुत्सुकता प्रेक्षाध्यान की तीन भूमिकाएं अनुशासन की भूमिका के फलित संयम संयम की भूमिका के पलित २८८ संवर २८६ २५६ २५८ २६३ भीतर की ओर Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003106
Book TitleBhitar ki Aur
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2001
Total Pages386
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size10 MB
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