________________ निवेदन / यह ग्रन्थमाला स्वर्गीय दानवीर सेठ मानकचन्द हीराचन्दजाँके स्मरणार्थ निकाली गई है / यह केवल प्राचीन जैनसाहित्यके उद्धारके लिए प्रकाशित की जाती है / प्रत्येक ग्रन्थका मूल्य टीक लागतके बराबर रक्खा जाता है / इसके प्रत्येक ग्रन्थकी दस दस पाँच पाँच प्रतियाँ खरीदकर विद्वानोंको, पुस्तकालयोंको, जैनमन्दिरोंको धर्मार्थ बाँटना चाहिए / धर्मप्रभावनाके लिए इससे अच्छा और कोई काम नहीं हो सकता / ___ अनगारधर्मामृत सटीक, नयचक्र, युक्त्यनुशासन सटीक, आदि कई ग्रन्थोंके छपानेका प्रबन्ध हो रहा है। सहायताकी आवश्यकता है / निवेदक, नाथूराम प्रेमी मंत्री। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org