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जैन विश्वभारती : अहिंसा की प्रतिध्वनि
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अवगाहन के साथ विश्व में अहिंसा-संस्कृति का मेल बिठाकर उसे समुन्नत करते जाना होगा। यहां से निकली अहिंसा की प्रतिध्वनि जागतिक रूप में व्याप्त हो सके।
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