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२१. विवाद का अन्त २२. जिसे अपने पर भरोसा है
२३. पुरुषार्थ की गाथा २. प्रतिध्वनि
१. धर्म-क्रान्ति के बीज २. साधना के पथ पर ३. चिन्तन की धारा ४. नैसर्गिक प्रतिभा ५. हेतुवाद के पथ पर ६. श्रद्धावाद के पथ पर ७. धर्म का व्यापक स्वरूप ८ आग्रह से दूर ६. कुशल पारखी
१०. क्रान्त वाणी ३. साध्य-साधन के विविध पहलू
१. जीवन और मृत्यु २. आत्मौपम्य ३. संसार और मोक्ष ४. बल-प्रयोग ५. हृदय-परिवर्तन ६. साध्य साधन वाद
७. धन से धर्म नहीं ४. मोक्ष धर्म का विशुद्ध रूप
१. चिन्तन के निष्कर्ष २. मिश्र धर्म ३. धर्म की अविभक्तता ४. अपना-अपना दृष्टिकोण ५. धर्म और पुण्य ६. प्रवृत्ति और निवृत्ति ७. दया ८दान
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