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अनुक्रम
भूमिका
१-२७
२६-४७
१. व्यक्तित्व की झांकी
१. समय की सूझ २. श्रद्धा और बुद्धि का समन्वय ३. रूढ़िवाद पर प्रहार ४. अंधविश्वास का मर्मोद्घाटन ५. अदम्य उत्साह ६. स्वतन्त्र चिन्तन ७. मोह के उस पार ८ विश्वास विफल नहीं होता ६ आलोचना १०. जागरण ११. आचार-निष्ठा १२. व्यक्तिगत आलोचना से दूर १३. सिद्धान्त और आचरण की एकता १४. अकिंचन की महिमा १५. जहां बुराई-भलाई बनती है १६. क्षमा की सरिता में १७. सत्य का खोजी १८ जो मन को पढ़ सके १६ व्यवहार-कौशल २०. चमत्कार को नमस्कार
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