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निर्वाणवाद के प्रवक्ता : भगवान् महावीर (२)
सोचें–चलने के साथ संयम जुड़ा हुआ है या नहीं। 'संयमः खलु जीवनम्' यह निर्वाणवाद का सूत्र है, जीवन का सूत्र है । यदि यह सूत्र हमारी समझ में आ जाए, हम इसे जीवनगत बना पाए तो हम निर्वाणवादी शैली का जीवन जी सकेंगे, प्रवृत्ति
साथ निवृत्ति का संतुलन साध सकेंगे, अपने जीवन को मंगलमय और कल्याणकारी बना पाएंगे। यह दीपावली का पवित्र दिन, भगवान् महावीर का निर्वाण दिन हमारे जीवन की पवित्रता का दिन बन जाएगा। दीपावली का अभिनन्दन, दीपावली को मनाने का उपक्रम, दीपावली का आगमन, भगवान् महावीर का निर्वाणोत्सव — हमारे जीवन को एक नई दिशा दे पाएगा, स्वस्थ एवं शान्तिपूर्ण जीवन का रहस्य करा
पाएगा ।
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