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________________ राजतंत्र का सूत्रपात २७ जो प्रकृति का नियम है, वह नियति है। हम लोग नियति के अर्थ पर कुछ भ्रान्तियां कर लेते हैं। जो सार्वभौम नियम हैं, जागतिक नियम है, उन्हें कोई बदल नहीं सकता। किन्तु जो कृत नियम है, वह निश्चित बदल जाएगा। समस्या का विस्तार ___ जैसे-जैसे मनुष्य का आचरण बदलता गया वैसे-वैसे नियम बदलते चले गए। जब नाभि कुलकर का समय आया तब हाकार, माकार और धिक्कार–तीनों ने अपना प्रभाव खो दियो । उनके युग में तीनों अप्रभावी बन गए । जनता नाभि के पास गई। उसने कहा-महाराज ! अपराध की समस्या बनी हुई है। कोई भी उपाय कार्यकर नहीं बन रहा है। अब हम क्या करें? वे ऋषभ के पास गए। उनके सामने समस्या को प्रस्तुत किया। समाधान वही दे सकता है जो विशिष्ट ज्ञानी होता है। सामान्य आदमी विशिष्ट ज्ञान नहीं दे सकता और उसके बिना समस्या का समाधान उपलब्ध नहीं होता। नेता उसी को बनाया जाता है जो विशिष्ट ज्ञानी होता है, जो प्रत्येक समस्या का समाधान खोज लेता है। आचार्य को उपायज्ञ कहा गया है। नेता को भी उपायज्ञ कहा गया है। जो उपाय को नहीं जानता वह क्या समाधान देगा? कैसे समाधान देगा। ऋषभ का चिन्तन ऋषभ ने सोचा-समस्या का स्थायी समाधान होना चाहिए। किस प्रकार समाधान में परिवर्तन होता चला गया। हा से मा और मा से धिक्कार का प्रयोग किया गया, फिर भी समाधान नहीं हो पाया। ऋषभ विशिष्ट ज्ञानी थे। कुछ कुलकर मतिज्ञान, श्रुतज्ञान और जाति स्मृति (पूर्वजन्म) ज्ञान से संपन्न थे। उन्होंने जो समाधान खोजा, वह जातिस्मृति के द्वारा खोजा किन्तु ऋषभ तीन ज्ञान—मतिज्ञान, श्रुतज्ञान और अवधिज्ञान से संपन्न थे। उनके पास जाति स्मृति ज्ञान भी था। उन्होंने अपने अतीन्द्रिय ज्ञान के बल पर परिस्थिति का पर्यवेक्षण किया। ऋषभ ने लोगों से कहा-समस्या बहत बढ़ गई है। इसका समाधान शब्दों से होने वाला नहीं है । जहां सब लोग मर्यादा का उल्लघंन करने लग जाते हैं वहां शब्द-शक्ति काम नहीं देती। उसका समाधान राजशक्ति से ही हो सकता है। यदि राजा शासक बन जाए तो ये समस्याएं सुलझ सकती हैं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003093
Book TitleRushabh aur Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2002
Total Pages122
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, History, & Literature
File Size5 MB
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