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६०. ॐ ह्रीं णमो अरहताणं मम ऋद्धिं वृद्धि समीहितं कुरु-कुरु
स्वाहा'--का एक सप्ताह जप। ६१. ॐ नमः शिवाय' का जप (एक सप्ताह)। ६२. 'सिद्धा' की एक माला सात दिन नित्य । ६३. 'ॐ श्रीं ह्रीं अर्ह नमः' का जप। ६४. 'आरुग्ग-बोहिलाभ-समाहिवर मुत्तमं दितु'-का सात दिन
जप। ६५. 'ॐ ह्रीं अभी राशि को नमः' का जप। ६६. 'नमस्कार-महामंत्र' की उल्टे क्रम से एक माला फेरना (७
दिन)। ६७. 'अरहंत सिद्ध' का जाप । ६८. 'जय तुलसी' की एक माला (७ दिन)। ६६. ॐ अहम्' की एक सप्ताह एक माला नित्य फेरना। ७०. ॐ अ सि आ उ सा'-का जाप । ७१. 'नमिऊण-असुर-सुर...' का २१ बार जाप । ७२. योगक्षेम वर्ष का प्रारम्भ तीन दिन के मौन एवं तीन दिन __ अन्नाहार-प्रत्याख्यान से । ७३. योगक्षेम वर्ष में प्रवचन में एक आसन, एक मुद्रा एवं
जागरूकता का अभ्यास । ७४. योगक्षेम वर्ष में शान्त सहवास, दृष्टि-संयम एवं खाद्य-संयम __ का अभ्यास। ७५. संकल्प-शक्ति एवं संयम-शक्ति के जागरण के लिए गुरु-आज्ञा
से योगक्षेम वर्ष में एक विशेष संकल्प स्वीकारना।
प्रस्तोत्री-माणक मैन
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