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________________ ११ सफलता प्राप्ति के लिए तीन शर्ते---१. लक्ष्य सदा आंखों के सामने रहना चाहिए । २. विश्वास सदा मजबूत रहना चाहिए। ३. इच्छाओं के साथ विश्वास रहना चाहिये। १२ तीन चीजें जाने के बाद वापिस नहीं लौटती-१. कमान से छूटा तीर २. बीता हुआ समय ३. मुंह से निकली हुई बात। १३ आप जो भी सोचें उसे छपाकर रखने के तीन लाभ हैं-१. आपकी क्रियाशक्ति हवा में नहीं बिखरेगी। २. असफल होने पर अकारण लज्जित नहीं होना पड़ेगा। ३. अन्य व्यक्ति मुकाबले में आकर आपको हानि नहीं पहुंचा सकेंगे। १४ तीन चीजें जीवन में एक बार मिलती हैं-१. मां की ममता। २. सुन्दरता ३. जवानी। १५ तीन वस्तुएं मनुष्य को दुःखी बनाती हैं-१. अज्ञान । २. ___ अभाव । ३. अशक्ति। १६ तीन मनुष्य सदा सुखी रहते हैं---१. साधु २. दानी। ३. सत्यवादी। १७ तीन चीजें मनुष्य को नष्ट कर देती हैं.-१. क्रोध । २. लालच ३. दुराचार। १८ आरोग्य-रक्षा के लिए तीन बातें जरूरी-१. सदा प्रसन्न चित्त रहें। २. शुद्ध आहार या ठीक खाना । ३. शरीर के भीतर पैदा होने वाले मल या कूड़े की ठीक तरह से सफाई होना। १६. तीन समय पर विशेष सावधान रहो-१. बीमारी के समय । २. ऋतु-परिवर्तन के समय । ३. घर की फूट के समय । २० सबसे कठिन तीन वस्तुएं हैं-१. रहस्य को गुप्त रखना । २. कष्ट को भूल जाना । ३. समय का सदुपयोग करना।। २१ नम्रता के तीन लक्षण हैं-१. कड़वी बात का मीठा उत्तर देना। २. क्रोध आने पर चुप रहना । ३. अपराधी को दण्ड देते समय भी कोमलता रखना। २२ तीन शत्रु पीछे लगे हुए हैं १. रोग २. बुढ़ापा ३. मृत्यु । २३ खुशी, मधुरता और गहरी नींद--ये तीनों डाक्टर को घर का दरवाजा नहीं देखने देते। २४ दुःख के तीन कारण माने हैं--१. जीभ । २. वासना। ३. कषाय। १८० योगक्षेम-सूत्र Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003089
Book TitleYogakshema Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNiranjana Jain
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages214
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size7 MB
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