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चांदनी भीतर की
प्रश्न है-हम किस दिशा में अपनी शक्ति का नियोजन करें, अपनी क्षमता का विकास करें। मृगापुत्र को केवल जाति स्मृति की घटनाएं जानने के लिए न पढ़े किन्तु अपनी क्षमताओं को विकसित कर सकें, इसलिए पढ़े। ऐसा करने पर ही हम आगम के दर्पण में अपना प्रतिबिम्ब देख सकेंगे, स्वयं को अधिक सक्षम और संपन्न बना सकेंगे।
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