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जिन शासन : २
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अपनी चेतना को विकसित करें तो एक घटना को एक तथ्य को अनंत - अनंत दृष्टियों से देख सकते हैं। जब अनंत दृष्टियों से देखते हैं तब हमें सचाई का पता चलता है । एक दृष्टि से देखते हैं तब सचाई का पता नहीं चलता । कहते तो हैं, मैं सबको एक आंख से देखता हूं, पर एक आंख से देखना अच्छा थोड़े ही होता है । यह तो बड़े गर्व के साथ कहा जाता है कि सबको एक आंख से देखता हूं । ठीक है, जिसे दूसरी आंख प्राप्त ही नहीं तो बेचारा दोनों से देखेगा क्या ? एक से ही देखेगा। पंजाब का राजा रणजीत सिंह । एक मुसलमान कुरान शरीफ लिखकर लाया । बहुत बड़ी और कीमती । मंत्री को दिया। मंत्री ने देखा -- बहुत सुन्दर लिखा है । मूल्य बहुत अधिक मांगा गया, कई हजारों में । मंत्री ने अस्वीकार कर दिया । सम्राट् ने देखा और कहा- ऐसा नहीं हो सकता । मूल्य देकर उसे खरीद लिया। लोग बड़े आश्चर्य में पड़े। उन्होंने कहा -- महाराजप्रवर ! यह आपने क्या किया ? आप तो हिन्दू हैं, सिख हैं, इस्लाम धर्म को मानने वाले नहीं और एक इस्लामी ग्रन्थ के लिए आपने इतनी बड़ी कीमत चुका दी, यह कैसे किया ? राजा ने कहा- 'मैं सबको एक ही आंख से देखता हूं ।' बिलकुल ठीक बात थी । क्योंकि उन्हें एक ही आंख उपलब्ध थी, दूसरी थी ही नहीं । प्रकृति की देन थी ऐसी । एक से देखना ही कोई बहुत अच्छी बात नहीं होती और अनेक से देखना कोई बुरी बात नहीं होती । एक से देखना अच्छा हो सकता है, किन्तु अनेक से देखना बहुत अच्छा । हम अनेक दृष्टियों से देखें तो पता चलेगा कि रोटी की समस्या तो वास्तव में समस्या है ही नहीं । यह समस्या मनुष्य ने पैदा की है । पदार्थ के जगत् में कोई समस्या नहीं है । समस्या चेतना
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जगत् में है । मनुष्य ने ही इस समस्या को जन्म दिया है । मेरा निश्चित विश्वास है कि यदि मानसिक समस्याएं नहीं होती तो दुनिया में रोटी की समस्या कभी पैदा ही नहीं होती । रोटी की समस्या तभी है जब आदमी स्वयं समस्या से घिरा हुआ हो, अपनी मानसिक समस्याओं से उलझा हुआ हो। उसमें क्रोध है, अहंकार है, कपट है, वह छिपाना जानता है । प्रचुर पदार्थ हैं, पर छिपा देता है, सब गायब हो जाते हैं । उसमें लोभ है, वह संग्रह करना जानता है । आज यदि संग्रह की समस्या न हो तो मनुष्य के लिए रोटी की कोई समस्या नहीं है । यह समस्या संग्रहखोरों के द्वारा पैदा की गई समस्या है। यह समस्या आलसी और जमाखोरों
द्वारा पैदा की गई समस्या है। वास्तव में सबसे बड़ी समस्या हमारी मानसिक समस्या है । कुछ शाश्वत सत्य होते हैं, यूनिवर्सल लॉ होते हैं, और उनके आधार
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