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संकलिका | 12
• संजोगाविप्पमुक्कस्स अणगारस्स भिक्खुणो। • जह णाम को वि पुरिसो, णेहब्भत्तो दु रेणुबहुलम्मि।
ठाणम्मि ठाइ दूण य करेदि सत्थेहिं वायाम।। • जो सो द णेहभावो, तम्हि णरे तेण तस्स रयबंधो। __ णिच्छयदो विण्णेयं ण कायचेट्ठाहिं सेसाहिं।। • एवं मिच्छादिट्ठी, वट्टतो बहुविहासु चिट्ठासु। रायादि उवओगे कुव्वतो लिप्पदि रएण।।
(समयसार - २३७, २४०, २४१) • सामान्य व्यक्तित्व की तीन कसौटियां
आत्मिक आनंद मानसिक कार्यक्षमता संबंधों का सफल अभियोजन सामान्य व्यक्तित्व : आत्म विज्ञान की कसौटी
अतीत के बोझ से मक्त होना अतीत के संग्रह से मुक्त होना
निग्रंथ होना • सामान्य और असामान्य की परिभाषा • धार्मिक की कसौटी : संवेदनशीलता • मानवीय संबंध : ध्यान
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