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संकलिका
सुदपरिचिदाणुभूदा, सव्वस्स वि कामभोगबंधकहा । एयत्तस्सुवलंभो णवरिण सुलहो विहत्तस्स ।। ( समयसार - ४ )
• समस्या के हेतु - रुचि भेद विचार भेद
चिन्तन भेद
• जरूरी है नियंत्रण और परिष्कार
• दूसरे को सहना सीखें
• जीवित समाज का लक्षण :
विचार भेद के प्रति सहिष्णु होना
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• मुर्दा समाज का लक्षण :
विचारों को रौंदना कुचलना या दबाना
• जीवन निर्माण और जीविका
• विकास का लक्षण
• सहिष्णुता का विकास : काय सिद्धि
• जीवन-निर्माण का सूत्र ध्यान
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