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________________ २१. अहिंसा का कालजयी आलेख 'दुनिया के यहूदियो हमें क्षमा करो' यह उदात्तवाणी सच होते हुए भी एक कल्पना जैसी, एक सपने जैसी प्रतीत हो रही है । एक ओर पूरी दनिया में हिंसा और आतंक का ज्वार आ रहा है, दूसरी ओर अहिंसा का ज्वार आए, क्या यह सचमुच आश्चर्य नहीं है? जर्मन-संसद का प्रस्ताव पूर्वी जर्मनी की निर्वाचित संसद ने (१२ अप्रैल १९९०) जो प्रस्ताव पारित किया था, वह अहिंसा के उस शिखर को छू रहा है, जिसमें अतीत की धुलाई करने का विधान है । प्रस्ताव की भाषा यह है 'हम पहली बार स्वतंत्र रूप से निर्वाचित पूर्वी जर्मनी के सांसद जर्मन होने के नाते पूर्व जर्मनी के गत इतिहास और उसके भविष्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए संसार के समक्ष यह घोषणा करते हैं-राष्ट्रीय समाजवाद के काल में जर्मनों द्वारा अकूत पीड़ा पहुंचाई गई । राष्ट्रवाद एवं जातीय पागलपन ने सम्पूर्ण यूरोप में विशेषकर यहूदियों का निर्मम संहार किया । इसके शिकार सोवियत रूस, पोलिश एवं जिप्सी लोग भी हुए । यहूदी महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के अपमान, बहिष्कार एवं हत्याकर्म की जिम्मेदारी, यह संसद सामूहिक रूप से स्वीकार करती है । जर्मन इतिहास के बोझ को हम स्वीकार करते हैं तथा दुःख एवं शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं ।' ___ 'हम संसार के यहूदियों से क्षमा-याचना करते हैं । १९४५ के बाद भी हमारे देश में यहूदी नागरिकों को प्रताड़ना दी गई एवं उनका अपमान किया गया । हम इजराइल से उसके लिए क्षमा-प्रार्थना करते हैं कि पूर्वी जर्मनी की सरकार ने इजराइल के प्रति शत्रुतापूर्व एवं ढोंगी नीति अपनायी । हम अपनी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003069
Book TitleAmantran Arogya ko
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1999
Total Pages236
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Food
File Size9 MB
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