________________
मानसिक शान्ति के सोलह सूत्र
[१६६६ में दिल्ली में २१ दिवसीय अणुव्रत-शिविर की समायोजना हुई। उस शिविर में अनेक भाई-बहन सम्मिलित थे। नगर के भी अनेक व्यक्ति आते-जाते रहते थे। श्री जैनेन्द्र कुमार उसमें सहभुक्त थे। दादा धर्माधिकारी एक सप्ताह तक वहां रहे थे। प्रातःकालीन दो घंटे का समय चर्चागोष्ठी के लिए सुनिश्चित था। उसमें अनेक साधना-बुद्धि-चैतसिक व्यक्ति भाग लेते थे।
उस चर्चागोष्ठी में जो विचार प्रस्तुत किए वे इन अग्रिम पृष्ठों में प्रकृत हैं।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org