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नये जीवन का निर्माण
भी जीते जी होता है तो मोक्ष भी जीते जी ही होता है। अगर वर्तमान काल में मोक्ष नहीं होता है तो मरने के बाद कभी नहीं होगा। वर्तमान जीवन में मोक्ष घटित होता है तो हम सोच सकते हैं कि कि मरने के बाद भी मोक्ष होगा। जो आदमी वर्तमान में नरक का जीवन नहीं जीता वह मरने के बाद नरक में नहीं जाता। जो आदमी वर्तमान में स्वर्ग का जीवन नहीं जीता वह मरने के बाद स्वर्ग में नहीं जाएगा। और जो आदमी वर्तमान में मोक्ष का जीवन नहीं जीता वह मरने के बाद भी मोक्ष में नहीं जाएगा।
___ यह मोक्ष अपने निर्माण का सबसे बड़ा सूत्र है। अकेलेपन के अनुभव का नाम है मोक्ष । मैं अकेला हूं, मेरी आत्मा अकेली है, यह वास्तविक सचाई है। मैं अकेला आया हूं, और अकेला जाना है, अकेले को सुख दुःख भोगना है। वास्तव में मैं अकेला हूं। जितने पदार्थ हैं, वे वास्तव में मेरे नहीं हैं। परिवार वास्तव में मेरा नहीं है। मैंने अपने इर्द-गिर्द इतने जाल बुनें हैं मकड़ी की तरह, पर वह आखिर जाल ही है । मेरा अपना कोई नहीं है। इस प्रकार पदार्थ से अपनी पृथकता का, अलगाव का अनुभव करना-इसी का नाम है मोक्ष। व्यक्ति की मनःस्थिति
एक साहूकार का लड़का ससुराल की और चला। वह बहुत ही पेट था। भूख भी बहुत लगती थी। घरवालों ने एक बर्तन में कुछ लड्ड डाल दिये और कहा-जब आवश्यकता हो तब लड्डू निकाल कर खा लेना। वह चला गया। भोला आदमी था। साथ में एक शिक्षा यह भी दी कि देखो, दूसरों के सामने ज्यादा मत खाना। दूसरे यह समझेंगे कि कितना भूखमरा आदमी है। कैसा दामाद मिला कि दिन भर खाता ही जाता है, रुकता ही नही। उनके सामने थोड़ा-थोड़ा और कम ही खाना । एकान्त में जाकर ये लड्डू खा लेना। दोनों काम बन जाएंगे। ससुराल गया। भोजन करने बैठा । दूसरों के सामने दो रोटियां खाईं। उन्होंने कहा- इतना ही? इतने से क्या होगा? उसने कहा, मैं बड़े घर का हूं, ऐसा वैसा नहीं हूं जो दिन भर खाता ही रहूं। उसने पूरा प्रदर्शन कर दिया। वह खाने का बहत आदी था और थोडी ही देर में भूखा हो गया। दिन भर भूख को सहा। रात होते ही चूहे कुलबुलाने लगे। ज्योंही अंधेरा थोड़ा सा हुआ बर्तन को खोला और हाथ डाला, लड्डू को उठाया। बर्तन का मुंह संकड़ा था । लड्डू को पकड़ लिया, पर बंद मुट्ठी हाथ बाहर नहीं निकला। हाथ में लड्डू और बर्तन का मुंह संकड़ा । अब लड्डू को तो वह छोड़े नहीं और ऐसे हाथ बाहर आए नहीं। थोड़ी देर जोर लगाया किन्तु काम नहीं बना । उसने सोचा, बर्तन में भूत बैठा है, उसने मुझे पकड़ लिया है। वह चिल्लाया-अरे ! आओ, आओ, मुझे किसी ने पकड़ लिया है। भोला आदमी था।
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