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नैतिकता और संयम
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प्रकृति की और मनोविज्ञान की भाषा में मौलिक मनोवत्तियों की। मनुष्य में कुछ ऐसे संस्कार, ऐसी मौलिक मनोवृत्तियां हैं जिन्हें इन्सटिक्ट कहा जाता है। वे आदमी को संयम की ओर प्रेरित नहीं करती, असंयम की ओर ले जाती हैं।
.. चरित्र का संबंध मौलिक मनोवृत्तियों से नहीं जोड़ा गया क्योंकि ये मौलिक मनोवृत्तियां आदमी को चरित्र की ओर प्रेरित नहीं करती। भूख, युद्ध की भावना, युयुत्सा, जीने की इच्छा, सेक्स, काम-वृत्ति—ये जितनी मौलिक मनोवृत्तियां हैं, आदमी को संयम की ओर नहीं ले जाती । इसीलिए आचारशास्त्रियों और नीतिशास्त्रियों ने चरित्र के संबंध में इच्छा पर बहुत बल दिया किंतु मौलिक मनोवृत्तियों को महत्त्व नहीं दिया। उनका मूल्य नहीं माना । मनोविज्ञान के क्षेत्र में मौलिक मनोवृत्तियां बहुत मूल्यवान मानी जाती हैं किंतु चरित्र के क्षेत्र में इन पर कोई विचार नहीं किया गया। क्योंकि ये आदमी को चरित्र की दिशा में प्रेरित नहीं करतीं। हमारे विकास में बाधक हैं ये मौलिक मनोवृत्तियां। मनुष्य में लोभ का संस्कार है, स्वार्थ का संस्कार है और सुख का संस्कार है । लोभ, स्वार्थ और सुख की भावना-ये संयम के लिए बड़ी बाधाएं हैं। इसीलिए संयम प्रधान नैतिकता की बात फलित नहीं होती। प्रयत्न हजारों वर्षों से हो रहे हैं, पर आज भी आदमी का दृष्टिकोण जितना, सुखवादी है, उतना संयमवादी नहीं है। और संयमवादी नहीं है इसलिए अनैतिकता की बात चलती है, नैतिकता की बात बहुत मन्द हो जाती है । प्रतिबंध का बिन्दु
.. हर आदमी सुख चाहता है, सुविधा चाहता है। मैं बहुत बार सोचता हूं--एक आदमी सुख चाहता है और सुविधा चाहता है, भोग चाहता है। दूसरा भी चाहता है और तीसरा भी चाहता है। हर आदमी चाहता है । सुख के साधन भी चाहता है। यानी सुख चाहने का मतलब सुख के साधन चाहना भी है। सुख के साधन चाहता है तो उनकी प्राप्ति भी चाहता है। सुख की आकांक्षा, साधन को पाने की आकांक्षा मन में है, साधन चाहिए, उनकी प्राप्ति होनी चाहिए। अगर हम केवल इसी बात पर विचार करें कि प्राप्ति के साधन शुद्ध हों तो यह बात चलेगी नहीं। इसे रोका भी नहीं जा सकता, टोका भी नहीं जा सकता। हम यह कहें-तुम साधन-शुद्धि के साथ व्यापार करो । साधन-शुद्धि बरतो। कभी भी संभव नहीं है। इस पर कभी प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। प्रतिबंध कहां लगेगा ? इसका बिन्दु कौन-सा है ? उसे हम पकड़ें । वह बिन्दु है सुख की आकांक्षा। अगर हमारी सुख की आकांक्षा कम है तो
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