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अनुक्रम
१. नई भूमिका : नए संकल्प २. विसर्जन का महामस्तकाभिषेक करें ३. तेरापंथ की शक्ति का रहस्य ४. आश्चर्य के पीछे छिपा महान् आश्चर्य ५. पदाभिषेक : शुभ भविष्य का मंगलपाठ ६. नया दायित्व : नया प्रस्थान ७. विकास महोत्सव ८. विकास महोत्सव : आधार-पत्र ६. नया दायित्व : सबसे बड़ी कसौटी १०. गुरु का विश्वास : उज्ज्वल भविष्य का उच्छ्वास ११. 'समाज अध्यात्म से अनुप्राणित हो १२. धर्मसंघ शक्तिशाली बने १३. अतीत का अनावरण १४. प्रज्ञा को भीतर ही रहने दें १५. अभिवंदना किसकी? १६. दीक्षा का प्रयोजन १७. वरदान १८. स्वस्थ कौन? १६. महावीर को पूजें या समझें? २०. बाहुबलि : स्वतंत्र चेतना का हस्ताक्षर २१. महावीर की प्रथम ज्योति : बाहुबलि २२. तेरापंथ के कुछ प्रतिबिम्ब २३. जयाचार्य : वर्तमान के संदर्भ में २४. अनुशासन के मंत्रदाता : जयाचार्य २५. आचार्य तुलसी की आलोक रेखाएं २६. अमृत महोत्सव : अभिनंदन २७. प्रज्ञा की प्रतिष्ठा का प्रयत्न
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