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अनुक्रम प्रथम शिविर
१. व्यक्तित्व के बदलते रूप २. व्यक्तित्व की व्यूह-रचना : आत्मा और शरीर का मिलन-बिंदु ३. अच्छे-बुरे का नियन्त्रण-कक्ष ४. स्थूल और सूक्ष्म जगत् का संपर्क-सूत्र ५. जो व्यक्तित्व का रूपान्तरण करता है (१) ६. जो व्यक्तित्व का रूपान्तरण करता है (२) ७. वृत्तियों के रूपान्तरण की प्रक्रिया ८ स्वभाव-परिवर्तन का दूसरा चरण
६. रंगों का ध्यान और स्वभाव-परिवर्तन द्वितीय शिविर १. ध्यान क्यों?
११५ २. तनाव और ध्यान (१)
१२७ ३. तनाव और ध्यान (२)
१४० ४. आभामंडल
१५५ ५. आभामंडल और शक्ति-जागरण (१)
१७० ६. आभामंडल और शक्ति-जागरण (२)
१८३ ७. लेश्या : एक विधि है चिकित्सा की
૧૭ ८ लेश्या : एक विधि है रसायन-परिवर्तन की
२०६ ६. लेश्या : एक प्रेरणा है जागरण की परिशिष्ट आभामंडल
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